– दुनिया भर के लोगों को बनाया स्वाद का दिवाना
– अमेरिका, आस्ट्रेलिया, दुबई, इंग्लैंड जैसे देशें में होता है निर्यात
– सैनिक से डाकू बने पान सिंह तोमर ने भी मुरैना को दी पहचान
मध्यप्रदेश के उत्तरी भाग में स्थित मुरैना शहर किसी पहचान का मोहताज नहीं है. इस शहर ने कोई बालीवुड सेलिब्रिटी या राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री जैसे बड़े जनप्रतिनिधि तो नहीं दिए, लेकिन मुरैना की गजक जरुर किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं है. मुरैना की गजक ने देश विदेश के लोगों को अपने स्वाद का दिवाना बना रखा है. मुरैना में बनने वाली गजक सात समंदर पार अमेरिका, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, दुबई जैसे बड़े देशों तक निर्यात की जाती है. इसी तरह डाकू पान सिंह तोमर जैसे व्यक्तित्व ने भी मुरैना को विशेष पहचान दी है.
अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहजे हुए मुरैना शहर प्रदेश के लोकप्रिय शहरों में से एक हैं. मुरैना शहर सहित आसपास 8वीं से लेकर 14वीं सदी तक की अनेक विरासतें आज भी मौजूद हैं. इस शहर ने देश को अनेक व्यक्तित्व दिए हैं. जिनमें एथलेटिक्स में पान सिंह तोमर, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी में रामप्रसाद बिस्मिल, कला अभिनय और माडलिंग में पलाशिका, साहित्य इंदिरा इंदु एवं राजनीति में नरेन्द्र सिंह तोमर सहित अनेक दिग्गज जनप्रतिनिधि शामिल हैं. इन सबमें महत्वपूर्ण हैं मुरैना की गजक. स्वाद से भरी गजक की वजह से मुरैना शहर की पहचान भारत में ही नहीं, अपितु विश्व भर में जानी जाती है. मुरैना की गजक के लोग स्वाद के दिवाने हैं. मुरैना में बनने वाली गजक दूर देशों में भी भेजी जाती है.
कूटा-पीटी पद्धति से बनती है गजक
देश-विदेश में मुरैना को पहचान दिलाने वाली स्वाद से भरी गजक कूटा पीटी पद्धति से बदती है. यह अद्भुत स्वाद से भरी खस्ता रहती है, जो मुंह में रखते ही घुल जाती है. गजक में तिल और गुड़ का मिश्रण रहता है, जो लोगों को अपना स्वाद का दिवाना बनाता है. यह स्वाद के साथ ही शरीर के लिए भी पौष्टिक होती है, इसके सेवन से शरीर को प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन जैसे जरुरी तत्वों की पूर्ति होती है.
शोक में नहीं, मजबूरी में बने डाकू
मुरैना शहर के पान सिंह तोमर किसी पहचान के मोहताज नहीं है. पान सिंह तोमर की असल कहानी यह है कि वह शोक से नहीं, बल्कि मजबूरियों की वजह से डाकू बने हैं. बताया जाता है कि पान सिंह तोमर भारतीय सेना में सैनिक थे और वह एक साधारण एथलीट भी थे, जिन्होंने स्टीपलचेज में राष्ट्रीय रिकार्ड बनाते हुए राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर मुरैना का नाम रोशन किया. हालांकि बादि में पारिवारिक विवादों के चलते वह डाकू बनने के लिए मजबूर हुए. पान सिंह तोमर सिने जगत में भी छाए. उनके जीवन पर फिल्म डायरेक्टर तिग्मांशु धूनिया ने पान सिंह तोमर नामक सफल फिल्म बनाई, जिसने बालीवुड में खूब धूम मचाई. इस फिल्म में पान सिंह तोमर का रोल अभिनेता इरफान खान द्वारा निभाया गया था. फिल्म में बताया गया कि भारतीय सेना का एक सैनिक कैसे दस्यु बना.
स्वतंत्रता संग्राम में भी मुरैना का सहयोग
भारती को आजादी दिलाने (स्वतंत्रता संग्राम) में मुरैना ने भी अपना सहयोग दिया है. इस शहर ने महान क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल जैसे स्वतंत्रता संग्राम दिए हैं. रामप्रसाद बिस्मिल हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोएिशन के प्रमुख सदस्यों में से एक थे वह काकोरी कांड जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं से भी जुड़े. वह कवि भी रहे, साहित्य में उन्हें बिस्मिल के रूप में उपनाम मिला. उन्होंने इसी नाम से अनेकों कविताएं लिखी. मुरैना में आज भी उनका नाम ससम्मान लिया जाता है.
परदादा के पदचिन्हों पर चली इंदिरा
साहित्य जगत में ही दूसरा नाम रहा है इंदिरा (इंदु) का, जो अपने परदादा नाथूराम शंकर शर्मा के पदचिन्हों पर चलकर एक से बढक़र एक कविताएं लिखी. उनका परिवार साहित्य से जुड़ा रहा. परदादा नाथूराम शर्मा के बाद उनके दादा हरिशंकर शर्मा एवं पिता कृपा शंकर शर्मा भी जाने माने हिन्दी कवि थे.
राजनीति में भी दिए अनेक दिग्गज
मुरैना की धरती ने भारत की राजनीति में भी अनेक दिग्गज दिए हैं. इन दिग्गज नेताओं ने केन्द्र व मध्यप्रदेश सरकार के माध्यम से मुरैना, प्रदेश व देश की सेवा की है. इन्हीं में प्रमुख नाम है वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर का. नरेन्द्र सिंह तोमर मुरैना से सांसद रहे और केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार में कृषि मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद आसीन हुए. उम्र के इस पड़ाव पर भी लोकप्रिय हैं, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण है कि हाल ही में ही 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में मुरैना की दिमनी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए और अब मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हैं.