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MP Police Recruitment : 7500 पुलिस आरक्षक पदों के लिए आज से आवेदन शुरू, इस वजह से युवाओं में नाराजगी

MP Police Recruitment

MP Police Recruitment 2025: मध्य प्रदेश पुलिस में पुलिस आरक्षक के 7,500 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। वहीं इच्छुक उम्मीदवार 29 सितंबर तक आवेदन कर सकते हैं। इस भर्ती के लिए ईएसबी ने आधिकारिक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। हालांकि, नोटिफिकेशन जारी होते ही एक बड़ा विवाद सामने आ गया है। आखिर क्या है मामला? आइए, जानते हैं….

सरकार ने रोजगार पंजीयन की अनिवार्यता को हटा दिया है, जिसे लेकर प्रदेश के युवाओं में नाराजगी देखी जा रही है। उनका मानना है कि इस बदलाव से बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को फायदा होगा। मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए अवसर सीमित हो जाएंगे।

रोजगार पंजीयन की शर्त हटाने पर बढ़ा विवाद

पिछली भर्तियों में रोजगार पंजीयन की अनिवार्यता हमेशा से लागू रही है। 2017 से लेकर अब तक तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की भर्तियों में यह शर्त जरूरी थी। साथ ही हाल ही में हुए समूह-2 और उपसमूह-3 की भर्तियों में भी इसे लागू किया गया था।

इस बार ईएसबी ने बताया है कि पुलिस मुख्यालय की नई गाइडलाइन के अनुसार रोजगार पंजीयन की शर्त हटाई गई है। इस बदलाव को लेकर अधिकारी अपनी ओर से नियम का पालन बता रहे हैं, लेकिन इस फैसले से युवाओं में असंतोष बढ़ा है।

एमपी पुलिस भर्ती में रोजगार पंजीयन का नियम

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की भर्तियों में हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार अन्य राज्यों के उम्मीदवारों को रोजगार पंजीयन से छूट मिलती है। वहीं, मप्र के मूल निवासी आवेदन के समय रोजगार पंजीयन के बिना भी आवेदन कर सकते हैं, लेकिन उन्हें इंटरव्यू से पहले पंजीयन का प्रमाण-पत्र जमा करना अनिवार्य होता है। अन्य राज्यों के उम्मीदवार भी मध्य प्रदेश के किसी भी जिले में ऑनलाइन रोजगार कार्यालय में पंजीयन करा सकते हैं, जिसमें दस्तावेजों का कड़ा सत्यापन नहीं होता।

जीवित रोजगार पंजीयन का मतलब है कि रोजगार कार्यालय में उम्मीदवार का पंजीकरण किया गया हो। इसे समय-समय पर नवीनीकृत करना जरूरी होता है। यदि नवीनीकरण नहीं होता तो पंजीयन निष्क्रिय मान लिया जाता है, जिससे उम्मीदवार भर्ती के लिए अयोग्य हो जाता है।

मप्र सरकार ने 2017 से तृतीय-चतुर्थ श्रेणी की भर्तियों में यह शर्त लागू की थी ताकि राज्य की नौकरियां स्थानीय युवाओं तक सीमित रहें और बाहरी राज्यों से प्रतिस्पर्धा कम हो। इस नियम का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता देना और रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करना है।

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