Dussehra 2025: भोपाल/उज्जैन। दशहरे के मौके पर रावण दहन को लेकर मध्यप्रदेश में विवाद गहराता जा रहा है। अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि “रावण पापी नहीं था, उसने माता सीता का अपहरण मोक्ष प्राप्ति के लिए किया था। अगर सीता हरण के कारण रावण का पुतला जलाया जाता है, तो द्रौपदी का चीरहरण करने वाले दुर्योधन और दुशासन का भी पुतला जलाया जाना चाहिए।”
दशहरा मैदान पर विरोध
पुजारी महासंघ और महाकाल मंदिर के पुजारियों सहित बड़ी संख्या में लोग दशहरा मैदान पहुंचे और रावण दहन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने काली मटकियां फोड़कर अपना विरोध जताया साथ ही रावण दहन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। इस दौरान रावण के जयकारे भी लगाए गए।
महेश पुजारी ने चेतावनी दी कि यदि रावण दहन पर रोक नहीं लगी तो आंदोलन को देशव्यापी स्तर पर ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि रावण दहन अब मनोरंजन का साधन बन गया है। इसे ब्राह्मण समाज के अस्तित्व व सम्मान पर चोट माना जा रहा है।
पुजारी संघ की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर रावण दहन पर रोक लगाने की मांग की गई है। उज्जैन में कई स्थानों पर रावण के गुणगान करते हुए पोस्टर भी लगाए गए हैं।
“रावण का सीता हरण पाप नहीं था” – महेश पुजारी
महेश पुजारी ने कहा कि रावण ने जानबूझकर सीता हरण किया था ताकि उनके परिवार को मोक्ष मिल सके। उन्होंने इसे पाप नहीं बल्कि मोक्ष का साधन बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि रावण का सीता हरण पाप था तो महाभारत में द्रौपदी का चीरहरण क्यों पाप नहीं माना गया।
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