Pradhan Mantri Awas Yojana: पीएम आवास योजना में बड़ा घोटाला, ग्राम सचिव और बेटे ने अधूरे मकानों के पैसे निकाले…

Pradhan Mantri Awas Yojana: शिवपुरी में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। ग्राम पंचायत गताझलकुई के पूर्व सचिव जीवन सिंह यादव और उनके पुत्र रविप्रताप यादव पर योजना के फंड का फर्जी तरीके से दुरुपयोग करने का गंभीर आरोप लगा है। खनियाधाना जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी भोगराज मीणा की शिकायत के बाद दोनों के खिलाफ आधिकारिक कार्रवाई शुरू हो गई है। 20 अधूरे मकानों का फर्जीवाड़ा जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि ग्राम पंचायत गताझलकुई में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुल 125 मकान मंजूर थे, लेकिन इनमें से केवल 37 मकान ही पूरी तरह बन पाए। बाकी मकान या तो अधूरे ही छोड़ दिए गए या उनकी निर्माण प्रक्रिया शुरू ही नहीं हुई। इसके बावजूद 20 अधूरे मकानों को ऑनलाइन पोर्टल पर पूरी तरह पूरा दिखाकर योजना की राशि फर्जी तरीके से निकाल ली गई। सचिव और बेटे ने ठेका अपने नाम कर मजदूरी की राशि भी हड़पी आदिवासी लाभार्थियों के बयान के अनुसार, ग्राम सचिव जीवन सिंह यादव और उनके बेटे रविप्रताप यादव ने खुद ही मकान निर्माण का ठेका अपने नाम कर लिया था। उन्होंने योजना के तहत मिलने वाली पूरी निर्माण राशि प्राप्त कर ली, लेकिन मकान अधूरे ही छोड़ दिए। साथ ही, मजदूरों को मिलने वाली मजदूरी की रकम भी हड़प ली गई। वह फर्जी तरीके से अन्य जॉब कार्डधारियों के खातों में भेज दी गई। ये भी पढ़ें : मुरैना में एक साल में 354 शस्त्र लाइसेंस सस्पेंड, 1402 संदिग्ध शस्त्रधारियों पर कार्रवाई
Guna Police Custody Death Case: फरार TI और ASI पर रखा ₹2-2 लाख का इनाम, पारधी की हिरासत में हुई थी संदिग्ध मौत

Guna Police Custody Death Case: मध्य प्रदेश के गुना जिले में पारधी समुदाय के युवक देवा पारधी की पुलिस हिरासत में हुई संदिग्ध मौत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणियों के बाद अब CBI ने दो फरार पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी में मदद करने वाले को 2-2 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। कोर्ट ने इस केस में हो रही देरी पर नाराजगी जताई थी । क्या है पूरा मामला 4 जुलाई 2024 की शाम बीलाखेड़ी गांव का माहौल शादी के उत्सव से सराबोर था। 24 वर्षीय देवा पारधी की बारात अगले दिन निकलने वाली थी। उसी दौरान करीब 4:30 बजे म्याना थाना पुलिस गांव पहुंची और एक पुराने चोरी के मामले में पूछताछ के नाम पर देवा और उसके चाचा गंगाराम को हिरासत में ले लिया। देवा पारधी की गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद परिवार के लिए एक भयावह खबर आई। रात होते-होते जिला अस्पताल से सूचना मिली कि देवा का शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाया गया है। जब परिजन अस्पताल पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि देवा की मौत पुलिस हिरासत में संदिग्ध हालात में हो चुकी थी। यह सुनकर परिजनों के होश उड़ गए। बाद में आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने मामले को और गंभीर बना दिया, जिसमें शरीर पर चोटों और मारपीट के साफ़ निशान पाए गए। देवा पारधी की संदिग्ध मौत के बाद म्याना थाने के पूर्व थाना प्रभारी संजीत सिंह मवई और सहायक उप निरीक्षक उत्तम सिंह कुशवाहा फरार हो गए हैं। दोनों के खिलाफ कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था। अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इनकी गिरफ्तारी को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए, उनकी लोकेशन की विश्वसनीय सूचना देने वाले को 2-2 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। ये भी पढ़ें : मुरैना में एक साल में 354 शस्त्र लाइसेंस सस्पेंड, 1402 संदिग्ध शस्त्रधारियों पर कार्रवाई
IND Vs WI: वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ के लिए टीम इंडिया का ऐलान, देखें किन खिलाड़ियों को मिला मौका

IND Vs WI: वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज़ के लिए भारतीय टीम का ऐलान कर दिया गया है। इस बार टीम की कमान युवा बल्लेबाज़ शुभमन गिल को सौंपी गई है। 15 सदस्यीय स्क्वॉड के साथ भारत एक नई शुरुआत की ओर बढ़ रहा है। सीरीज़ का पहला टेस्ट 2 अक्टूबर से अहमदाबाद, जबकि दूसरा मुकाबला 10 अक्टूबर से दिल्ली में खेला जाएगा। इन खिलाडियों को मिला मौका शुभमन गिल (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, देवदत्त पडिक्कल, ध्रुव जुरेल, रवींद्र जड़ेजा, वॉशिंगटन सुंदर, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, नीतीश रेड्डी और एन जगदीसन। WTC 2025-27 में अहम होगी भारत-वेस्टइंडीज सीरीज़ भारत और वेस्टइंडीज के बीच होने वाली यह दो मैचों की टेस्ट सीरीज़ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2025-27 का हिस्सा है। इस समय भारत पॉइंट्स टेबल में तीसरे स्थान पर मौजूद है। हाल ही में टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की रोमांचक सीरीज़ 2-2 से ड्रॉ की थी। दूसरी तरफ वेस्टइंडीज की टीम अब तक खेले गए तीनों मुकाबलों में हार झेल चुकी है और छठे स्थान पर है। ये भी पढ़ें: समय श्रीवास्तव बने भारत के खिलाफ खेलने वाले भोपाल के पहले क्रिकेटर
Morena News: मुरैना में एक साल में 354 शस्त्र लाइसेंस सस्पेंड, 1402 संदिग्ध शस्त्रधारियों पर कार्रवाई

Morena News: मुरैना जिले में कानून का सख्त पालन सुनिश्चित करने के लिए उन शस्त्रधारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तेज कर दी गई है, जिनके खिलाफ न्यायालय में आपराधिक मामले विचाराधीन हैं। पुलिस ने अब तक 1402 ऐसे शस्त्रधारियों की पहचान की है, जिनमें से पिछले एक साल में 354 के शस्त्र लाइसेंस निलंबित किए जा चुके हैं। हाल ही में एक साथ 282 लाइसेंस सस्पेंड किए जाने की कार्रवाई को जिले की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताया जा रहा है। जिले में शस्त्र लाइसेंस की संख्या मुरैना जिले में 25 हजार से अधिक शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए हैं। ऐसे में कलेक्टर और एसपी कार्यालयों में रोजाना नए लाइसेंस के लिए आवेदन आते रहते हैं, जिससे अधिकारियों पर कार्यभार काफी बढ़ जाता है। आपराधिक रिकॉर्ड वाले शस्त्रधारकों की पहचान एसपी समीर सौरभ के अनुसार, शस्त्रधारियों के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच में 1402 ऐसे लोगों की पहचान हुई है जिन पर शस्त्र लाइसेंस मिलने के बाद आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं। इनकी कड़ी निगरानी और न्यायालयीय कार्रवाई के तहत हाल ही में 282 शस्त्रधारकों के लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं। अपराध नियंत्रण के लिए सख्त कार्रवाई एसपी ने बताया कि इस कार्रवाई का मुख्य मकसद शस्त्रधारियों को हथियारों का गलत उपयोग करने से रोकना है। लाइसेंस निरस्त होने का भय उन्हें कानून का पालन करने के लिए प्रेरित करेगा। कलेक्टर ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई को दी हरी झंडी एसपी ने कलेक्टर अंकित अस्थाना को शस्त्रधारियों के खिलाफ की गई जांच का प्रतिवेदन सौंपा था, जिस पर कलेक्टर ने 282 लाइसेंस सस्पेंड करने की मंजूरी दी। यह कार्रवाई जिले में अब तक की सबसे बड़ी और प्रभावशाली मानी जा रही है। एसपी समीर सौरभ ने बताया कि आपराधिक रिकॉर्ड वाले शस्त्रधारियों की पहचान कर पुलिस द्वारा निरंतर कड़ी कार्रवाई जारी रखी जाएगी, ताकि शस्त्रों के दुरुपयोग को रोककर कानून व्यवस्था मजबूत बनी रहे। ये भी पढ़ें : वंदे भारत एक्सप्रेस में युवक-युवती का हंगामा, RPF ने तुरंत की कार्रवाई, जानिए पूरा मामला
Vande Bharat Express: वंदे भारत एक्सप्रेस में युवक-युवती का हंगामा, RPF ने तुरंत की कार्रवाई, जानिए पूरा मामला

Vande Bharat Express : ग्वालियर। दिल्ली से भोपाल जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस के सी-2 कोच में गुरुवार को दो नशेड़ी (एक युवक और एक युवती) ने यात्रियों के साथ विवाद कर हंगामा कर दिया। शराब के प्रभाव में दोनों ने यात्रियों से तकरार की कोशिश की, जिससे कोच में तनाव फैल गया। यात्रियों ने तुरंत स्थिति को संभाला और मामला बढ़ने से पहले शांत कर दिया। RPF ने तुरंत की कार्रवाई यह घटना तब हुई जब ट्रेन झांसी के पास गुजर रही थी। परेशान यात्रियों ने तुरंत झांसी रेलवे कंट्रोल रूम को सूचित किया। कंट्रोल रूम ने फौरन रेल सुरक्षा बल (RPF) को सूचना दी, जिन्होंने ट्रेन के ग्वालियर स्टेशन पहुंचते ही दोनों आरोपी युवक-युवती को हिरासत में ले लिया। आरपीएफ ने उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाकर मेडिकल जांच कराई, जिसमें पुष्टि हुई कि वे कोच के अंदर ही शराब पीकर यात्रा कर रहे थे। इस कार्रवाई से यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई । यात्रियों से सतर्क रहने की अपील यात्रियों की शिकायत के आधार पर रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोनों नशेड़ी युवक-युवती के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जांच प्रक्रिया जारी है। आगामी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि वे ऐसी संदिग्ध या अनुचित हरकतों को तुरंत रिपोर्ट करें ताकि ट्रेन यात्रा सुरक्षित और सुगम बनी रहे। ये भी पढ़ें : आख़िर मोहर सिंह कैसे बना डाकू? जानिए पूरी कहानी?
Mohar Singh dacoit story: आख़िर मोहर सिंह कैसे बना डाकू? जानिए पूरी कहानी?

Mohar Singh dacoit story: 1960 के दशक का एक ऐसा दौर जब चंबल की घाटियों में एक नाम हर किसी की जुबान पर था…पान सिंह तोमर। वह एक डाकू था साथ ही बागी, एक जेंटलमैन डाकू, जिसे कभी दद्दा तो कभी रॉबिन हुड कहा गया। उसका आतंक इतना गहरा था कि उसके सिर पर 3 लाख का इनाम था, लेकिन असली दहशत उस वक्त फैली जब उसने एक ही किडनैपिंग से 26 लाख की भारी फिरौती हासिल की। ऐसी छवि जिसने पूरे भारत को हिलाकर रख दिया था। जब 1972 में JP ने चंबल के डाकुओं के सरेंडर की योजना बनाई, तब तक इंदिरा गांधी ने इसे रोकने की पूरी कोशिश की। ये कहानी है उस आदमी की, जिसने बदले की आग में एक युग का स्वरूप बदल डाला। चंबल का सबसे खतरनाक डाकू? बीहड़ में बागी होते हैं, डकैत मिलते हैं पार्लियामेंट में” ….यह डायलॉग आज ‘पान सिंह तोमर’ फिल्म की याद दिलाता है, जिसमें इरफान खान ने इसे अमर कर दिया। बता दें इससे भी पहले मई 1960 में चंबल के बीहड़ किनारे विनोबा भावे ने इसी सच्चाई पर जोर देते हुए भाषण दिया था? यह डायलॉग उस समय की सच्चाई थी। यह ऐसा समय था जब कानून तोड़ने वाले बीहड़ में छिपे थे। वहीं राजनीती में डकैतों ने कब्ज़ा किया था । बता दे उस समय विनोबा डाकू तहसीलदार सिंह की पहल पर डाकुओं के सरेंडर का प्रयास कर रहे थे। तहसीलदार सिंह, मान सिंह का बेटा था। यह वही है जो 1950 के दशक में चंबल के सबसे बड़े डाकू के नाम से जाना जाता था। इसने 180 से अधिक लोगो को मौत के घाट उतारा था , जिनमे 32 पुलिस अफसर थे। 1955 में मान सिंह एक पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। उसके मारे जाने के बाद डाकुओं के अलग-अलग गैंग्स में सबसे बड़ा बनने के लिए होड़ सी लगने लगी । 1958 में एक और नाम इस लड़ाई में शामिल हुआ। वह नाम था मोहर सिंह गुर्जर। मोहन सिंह की कहानी भी दूसरे चंबल डाकुओं जैसी ही थी। उनके एक रिश्तेदार ने चीन से ज़मीन हड़प ली थी। मामला पुलिस के पास गया फिर उन्होंने अदालतों के चक्कर लगाने शुरू कर दिए। एक आम नागरिक की तरह मोहर सिंह भी दर-दर भटकते रहे, लेकिन उन्हें कभी न्याय नहीं मिला। एक समय ऐसा आया जब थक-हारकर उसने हथियार उठा लिए और बीहड़ों की ओर चल पड़ा। उस समय चंबल में फिरंगी सिंह, देवीलाल, छक्की मिर्धा, शिव सिंह और रामकल्ला जैसे डाकूओं का बोलबाला था। मोहर ने उनसे अपने गिरोह में शामिल होने की अपील की, लेकिन सभी ने उसे ठुकरा दिया। अंततः यह तय हुआ कि मोहर सिंह अपना गिरोह बनाएगा। डकैती की दुनिया का ‘दद्दा’ 1960 में दर्ज हुआ पहला केस सिर्फ एक शुरुआत थी। धीरे-धीरे मोहर सिंह का नाम अपराध की दुनिया में तेजी से फैलने लगा। उसका गैंग का नेटवर्क भी यूपी, मध्यप्रदेश और राजस्थान तक फैल गया। चंबल के बीहड़ों में उसका खौफ इस कदर था कि गांव वाले उसका नाम सुनते ही सहम जाते थे। गैंग के 150 से भी ज्यादा सदस्यों के लिए वो ‘दद्दा’ था…एक नेता, एक रणनीतिकार, और एक कड़क अनुशासन वाला सरगना…लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में वो ‘E-1’ यानी ‘एनेमी नंबर 1’ बन चुका था । पुलिस उसकी खोज़ में लगी थी। मोहर सिंह ने बचने का एक अचूक तरीक़ा ईजाद कर लिया था। डाकुओं को पकड़ने के लिए पुलिस मुखबिरों की मदद लेती थी। मोहर सिंह ने पूरे इलाक़े में ऐलान कर दिया कि अगर किसी ने मुखबिरी की, तो वो उसके पूरे परिवार को मार डालेगा। जैसा उसने कहा, वैसा किया भी। मुखबिरों की हत्याओं के ऐसे कई केस उसके और उसके गैंग के नाम से दर्ज़ हुए और पूरे इलाक़े में उसका ख़ौफ़ बन गया। जहां दूसरे गिरोह मुखबिरी के डर से किसी भी गांव में रुकने से डरते थे, वहीं मोहर सिंह बेख़ौफ़ और बेरोकटोक गांवों में आता-जाता था। आत्मसमर्पण का दिन अप्रैल 1960 के पहले हफ़्ते में मध्य प्रदेश के मोरोना से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित धोरेरा गांव अचानक इतिहास का गवाह बन गया। प्रशासन ने गांव को खाली करवाया। जल्द ही चंबल के करीब 200 डाकू वहां इकट्ठा हुए। 14 अप्रैल को समाजवादी नेता जय प्रकाश नारायण के सामने मोहर सिंह, उसका पूरा गैंग और अन्य छोटे गिरोहों ने आत्मसमर्पण कर दिया। डकैतों के हाथों में बंदूकें नहीं थीं। उनके मुंह से ‘गांधी की जय’, ‘जेपी की जय’ के नारे निकल रहे थे । एक ऐसी तस्वीर जिसे देश ने पहले कभी नहीं देखा था। सरेंडर के बाद सभी डकैतों को ग्वालियर जेल लाया गया। मुकदमा चला और मोहर सिंह को फांसी की सज़ा के साथ ₹10,000 का जुर्माना सुनाया गया। मोहर सिंह की फितरत ने कोर्ट में भी उसका साथ नहीं छोड़ा। सज़ा सुनते ही वो मुस्कराया और बोला: “जज साहब, अगर मैं फांसी चढ़ गया… तो जुर्माना कौन भरेगा?” कोर्ट रूम में ठहाका गूंज गया। अंततः, अदालत ने मोहर सिंह को 20 साल की जेल की सज़ा सुनाई। हालाँकि, जेल में उनके अच्छे व्यवहार के कारण उन्हें 1980 में रिहा कर दिया गया। रिहा होने पर उन्हें एक नया उपनाम मिला: “जेंटलमैन डकैत”। उन्होंने आत्मसमर्पण के बदले सरकार से मिली 35 एकड़ ज़मीन पर खेती शुरू कर दी और अपराध की दुनिया से नाता तोड़ लिया। 1982 की फ़िल्म “चंबल के डाकू” में, मोहर सिंह ने खुद एक डाकू की भूमिका निभाई थी। इस तरह उन्होंने अपने जीवन की सच्ची कहानी को फ़िल्म में जीवंत कर दिया। ये भी पढ़ें : महाकाल की नगरी उज्जैन पहुँचे अभिनेता संजय दत्त, भस्म आरती में हुए सम्मिलित
Sanjay Dutt Mahakal visit: महाकाल की नगरी उज्जैन पहुँचे अभिनेता संजय दत्त, भस्म आरती में हुए सम्मिलित

Sanjay Dutt Mahakal visit: उज्जैन। बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता संजय दत्त आध्यात्मिक यात्रा पर मध्यप्रदेश के पवित्र शहर उज्जैन पहुंचे। वहां उन्होंने बाबा महाकालेश्वर के मंदिर में दर्शन किए। गुरुवार सुबह वे भस्म आरती में शामिल हुए और नंदी हॉल में बैठकर ध्यान लगाया। इस दौरान उन्होंने भगवान महाकाल की पूजा की। संजय दत्त के मंदिर पहुंचने की खबर जैसे ही फैली, श्रद्धालुओं का तांता लग गया। लोग उन्हें देखने और उनकी भक्ति का हिस्सा बनने के लिए मंदिर में जुट गए। पूरे परिसर में भक्तिमय माहौल बन गया। मंदिर के पुजारियों ने बताया कि संजय दत्त ने पूजा पूरी श्रद्धा और नियम के साथ की । यह पहली बार नहीं है जब संजय दत्त बाबा महाकाल के दरबार में आए हैं। वे कई बार उज्जैन पहुंच चुके हैं। उनकी आस्था बाबा महाकाल के प्रति हमेशा रही है। दर्शन के बाद संजय दत्त ने कहा…. “मुझे बहुत सौभाग्य मिला कि बाबा महाकाल ने मुझे यहां बुलाया। मेरे पास अपने अनुभव बताने के लिए शब्द नहीं हैं। आज मैंने प्रत्यक्ष रूप से उनकी शक्ति का अनुभव किया है। बाबा महाकाल का आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ बना रहे।” ये भी पढ़ें : समय श्रीवास्तव बने भारत के खिलाफ खेलने वाले भोपाल के पहले क्रिकेटर
Guna News: अंडर-17 बास्केटबॉल में गुना बना क्लस्टर चैंपियन,12वीं चैंपियनशिप का शानदार समापन…

Guna Became The Cluster Champion In Under 17: गुना। नील वर्ल्ड स्कूल में आयोजित पाँच दिवसीय सीबीएसई क्लस्टर 12वीं बास्केटबॉल चैंपियनशिप 2025-26 का भव्य समापन हुआ। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में अंडर-14, अंडर-17 और अंडर-19 बालक वर्ग के मुकाबले खेले गए, जिसमें मध्यप्रदेश के 43 सीबीएसई स्कूलों से आए 450 से अधिक खिलाड़ियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। बता दें समारोह के मुख्य अतिथि कलेक्टर किशोर कुमार कान्याल और विशेष अतिथि नील वर्ल्ड स्कूल के सीईओ वीरेंद्र भदौरिया रहे। समारोह में सीबीएसई तथा मध्यप्रदेश बास्केटबॉल एसोसिएशन के अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि का स्वागत पौधा और स्मृति चिन्ह देकर किया गया। बेस्ट खिलाड़ी का हुआ सम्मान बेस्ट खिलाड़ी सम्मान के अंतर्गत चैंपियनशिप में प्रत्येक आयु वर्ग की टीमों से एक-एक उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को चयनित किया गया। अंडर-14 वर्ग में डीपीएस इंदौर के अतिकेश बिष्ट, अंडर-17 में क्राइस्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल गुना के गौरांश सक्सेना तथा अंडर-19 वर्ग में माउंट इंडेक्स इंटरनेशनल स्कूल इंदौर के प्रशांत सिंह को “बेस्ट प्लेयर” के खिताब से नवाजा गया। टीमों को मिला ट्रॉफी और पदक समापन समारोह के दौरान विजेता और उपविजेता टीमों को ट्रॉफी के साथ-साथ स्वर्ण, रजत और कांस्य पदकों से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने खिलाड़ियों की खेल भावना और मेहनत की सराहना करते हुए उन्हें आगे भी निरंतर प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने नील वर्ल्ड स्कूल द्वारा की गई उत्कृष्ट आयोजन व्यवस्था की भी प्रशंसा की। वहीं, स्कूल के सीईओ और प्राचार्या ने सभी प्रतिभागी टीमों को बधाई दी। ये भी पढ़ें : ड्रग्स माफिया के नेटवर्क पर एक और बड़ी कार्रवाई, यासीन का करीबी फैजान गिरफ्तार…
Bhopal Crime News: ड्रग्स माफिया के नेटवर्क पर एक और बड़ी कार्रवाई, यासीन का करीबी फैजान गिरफ्तार…

Bhopal Crime News: भोपाल। राजधानी भोपाल में ड्रग्स माफिया के नेटवर्क पर पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए यासीन मछली के करीबी सहयोगी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने पैसों के लेन-देन को लेकर फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था। यह मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है, जहां पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को हिरासत में लिया। लेनदेन के विवाद में की फायरिंग दरअसल, आरोपी फैजान मछली ने दानिश बैग नामक युवक पर उसके घर के बाहर फायरिंग कर दहशत फैलाई थी। दोनों के बीच करीब डेढ़ लाख रुपये के लेन-देन को लेकर विवाद चल रहा था। वारदात को अंजाम देने के लिए फैजान ने अवैध कट्टे का इस्तेमाल किया। जांच में पता चला है कि आरोपी के खिलाफ शहर के विभिन्न थानों में पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस अब उससे जुड़ी आपराधिक गतिविधियों की गहराई से जांच कर रही है। ये भी पढ़ें :MP में मतदाता सूची के SIR की तैयारी, नाम नहीं होने पर चाहिए केवल तीन दस्तावेज…
Madhya Pradesh Voter List: MP में मतदाता सूची के SIR की तैयारी, नाम नहीं होने पर चाहिए केवल तीन दस्तावेज…

Madhya Pradesh Voter List: बिहार से शुरू हुआ विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अब भारत के अन्य राज्यों में भी लागू किया जा रहा है। इसी क्रम में मध्य प्रदेश में भी मतदाता सूची को अपडेट रखने के लिए SIR की तैयारी शुरू कर दी गई है। जिन लोगों के नाम वर्ष 2003 की मतदाता सूची में शामिल नहीं हैं, उन्हें नई सूची में अपने नाम कटने से बचाने के लिए पहचान के तीन दस्तावेज जमा करना अनिवार्य होगा। वहीं, जिनके पिता का नाम वर्तमान मतदाता सूची में दर्ज है, उन्हें पिता से संबंध का प्रमाण प्रस्तुत करने के साथ-साथ पहचान का एक वैध दस्तावेज भी देना होगा। 22 साल बाद मध्य प्रदेश में फिर शुरू होने जा रहा है SIR मध्य प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया 22 साल बाद पुनः शुरू होने जा रही है। यह कवायद भारत निर्वाचन आयोग की निर्देशानुसार बिहार चुनाव में 65 लाख मतदाताओं के नाम कटने के बाद मध्य प्रदेश में भी लागू की जा रही है। इस पुनरीक्षण को स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) कहा गया है। पिछली बार यह विशेष पुनरीक्षण वर्ष 2003 में हुआ था, जब भोपाल में केवल चार विधानसभा क्षेत्र (गोविंदपुरा, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर और बैरसिया ) शामिल थे। अब दो दशकों बाद पूरे प्रदेश में यह प्रक्रिया लागू की जाएगी। 1987 से पहले जन्मे मतदाता को एक दस्तावेज़ प्रस्तुत करना होगा। 1987 से 2003 के बीच जन्मे मतदाता को दो दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे। 2003 के बाद जन्मे मतदाता को तीन दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे। ये भी पढ़ें : MP में OBC आरक्षण मामला: सुप्रीम कोर्ट में 8 अक्टूबर से होगी नियमित सुनवाई