Ferritin test for women: महिलाएं अक्सर अपने रोज़मर्रा के काम, घर-गृहस्थी और निजी ज़िंदगी में व्यस्त रहते हुए अपनी सेहत को नज़रअंदाज़ कर देती हैं। थकान, कमज़ोरी और बालों का झड़ना जैसी समस्याओं को अक्सर सामान्य मान लिया जाता है, लेकिन ये आयरन की कमी के संकेत भी हो सकते हैं।
दुनिया भर में हर पाँचवीं महिला में आयरन की कमी पाई जाती है। ऐसे में फेरिटिन टेस्ट बेहद ज़रूरी हो जाता है, क्योंकि इससे शरीर में आयरन के स्तर की सटीक जानकारी मिलती है। आइए जानते हैं कि फेरिटिन टेस्ट क्या है और यह महिलाओं के लिए क्यों ज़रूरी है।
महिलाओं की एनर्जी का असली इंडिकेटर
फेरिटिन एक खास प्रोटीन है जो शरीर में आयरन को जमा करता है। जरूरत पड़ने पर रिलीज़ करता है। आमतौर पर एनीमिया की जांच के लिए हीमोग्लोबिन टेस्ट कराया जाता है, लेकिन कई महिलाओं में हीमोग्लोबिन सामान्य होने के बावजूद कमजोरी, थकान और एनर्जी की कमी बनी रहती है। इसका कारण अक्सर फेरिटिन स्तर में छुपी कमी होती है, जिसे सिर्फ फेरिटिन टेस्ट से ही पता लगाया जा सकता है।
महिलाओं के लिए फेरिटिन टेस्ट क्यों है जरूरी
पीरियड्स, प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं में आयरन की जरूरत बढ़ जाती है। जिन महिलाओं को अक्सर थकान, कमजोरी या पैरों में बेचैनी महसूस होती है, उनके लिए फेरिटिन टेस्ट बेहद अहम है। यह टेस्ट यह पता लगाने में मदद करता है कि आपकी कमजोरी सिर्फ जीवनशैली या तनाव की वजह से है या शरीर में वास्तविक आयरन की कमी है।
लो फेरिटिन का मतलब केवल एनीमिया नहीं होता। यह मेंटल हेल्थ, बालों की ग्रोथ, इम्यूनिटी और थायरॉयड को भी प्रभावित कर सकता है। वहीं, अगर फेरिटिन का स्तर बहुत ज्यादा हो, तो शरीर में अंदरूनी सूजन हो सकती है, जिससे गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं। महिलाओं में लो फेरिटिन प्रेग्नेंसी के दौरान जटिलताओं का कारण भी बन सकता है। इसलिए यह सिर्फ एक टेस्ट नहीं है बल्कि भविष्य में होने वाली बीमारियों से बचाने का एक अहम उपाय भी है।
आयरन से जुड़ा सामान्य मिथक
कई लोग सोचते हैं कि संतुलित डाइट लेने से आयरन की कमी पूरी हो जाती है, लेकिन यह हमेशा सही नहीं है। कई महिलाएं केवल हरी सब्जियों पर निर्भर रहती हैं, जिनमें नॉन-हीम आयरन होता है, जो शरीर में आसानी से एब्जॉर्ब नहीं होता। यहां तक कि मांसाहारी महिलाएं भी पर्याप्त आयरन नहीं ले पातीं।
खासकर अगर वे चाय और कॉफी ज्यादा पीती हैं, क्योंकि ये आयरन के एब्जॉर्प्शन को रोकती हैं। ऐसी परिस्थितियों में फेरिटिन टेस्ट शरीर में आयरन के स्तर को समझने और सही इलाज करने में बेहद मददगार साबित होता है।