Guna Custodial Death Case: गुना पुलिस कस्टडी में देवा पारदी की मौत के केस की जांच सीबीआई कर रही है। मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। शुक्रवार को जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार और सीबीआई की पूरी ताकत होने के बावजूद दो आरोपी पुलिस अफसर अब तक फरार हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को अंतिम मौका देते हुए 8 अक्टूबर तक आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। यदि गिरफ्तारी नहीं होती है, तो राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव और सीबीआई के जांच अधिकारी को खुद कोर्ट में उपस्थित होना होगा।
देवा पारदी की पुलिस कस्टडी में 15 जुलाई 2024 को मौत हुई थी। इस मामले में थाना प्रभारी संजीत मावई और उप निरीक्षक उत्तम सिंह आरोपी हैं, जिन पर 2 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है। दोनों अब तक फरार हैं।
याचिका देवा पारदी की मां ने दायर की है, जिसमें 15 मई 2025 के कोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप लगाया गया है। उस आदेश में कहा गया था कि आरोपियों को एक माह के अंदर गिरफ्तार किया जाए।
आखिर क्या है पूरा मामला
4 जुलाई 2024 की शाम बीलाखेड़ी गांव का माहौल शादी के उत्सव से सराबोर था। 24 वर्षीय देवा पारधी की बारात अगले दिन निकलने वाली थी। उसी दौरान करीब 4:30 बजे म्याना थाना पुलिस गांव पहुंची और एक पुराने चोरी के मामले में पूछताछ के नाम पर देवा और उसके चाचा गंगाराम को हिरासत में ले लिया।
देवा पारधी की गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद परिवार के लिए एक भयावह खबर आई। रात होते-होते जिला अस्पताल से सूचना मिली कि देवा का शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाया गया है।
जब परिजन अस्पताल पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि देवा की मौत पुलिस हिरासत में संदिग्ध हालात में हो चुकी थी। यह सुनकर परिजनों के होश उड़ गए। बाद में आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने मामले को और गंभीर बना दिया, जिसमें शरीर पर चोटों और मारपीट के साफ़ निशान पाए गए।
देवा पारधी की संदिग्ध मौत के बाद म्याना थाने के पूर्व थाना प्रभारी संजीत सिंह मवई और सहायक उप निरीक्षक उत्तम सिंह कुशवाहा फरार हो गए हैं। दोनों के खिलाफ कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इनकी गिरफ्तारी को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए, उनकी लोकेशन की विश्वसनीय सूचना देने वाले को 2-2 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।