Guna Police Custody Death Case: मध्य प्रदेश के गुना जिले में पारधी समुदाय के युवक देवा पारधी की पुलिस हिरासत में हुई संदिग्ध मौत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणियों के बाद अब CBI ने दो फरार पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी में मदद करने वाले को 2-2 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। कोर्ट ने इस केस में हो रही देरी पर नाराजगी जताई थी ।
क्या है पूरा मामला
4 जुलाई 2024 की शाम बीलाखेड़ी गांव का माहौल शादी के उत्सव से सराबोर था। 24 वर्षीय देवा पारधी की बारात अगले दिन निकलने वाली थी। उसी दौरान करीब 4:30 बजे म्याना थाना पुलिस गांव पहुंची और एक पुराने चोरी के मामले में पूछताछ के नाम पर देवा और उसके चाचा गंगाराम को हिरासत में ले लिया।
देवा पारधी की गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद परिवार के लिए एक भयावह खबर आई। रात होते-होते जिला अस्पताल से सूचना मिली कि देवा का शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाया गया है। जब परिजन अस्पताल पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि देवा की मौत पुलिस हिरासत में संदिग्ध हालात में हो चुकी थी। यह सुनकर परिजनों के होश उड़ गए। बाद में आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने मामले को और गंभीर बना दिया, जिसमें शरीर पर चोटों और मारपीट के साफ़ निशान पाए गए।
देवा पारधी की संदिग्ध मौत के बाद म्याना थाने के पूर्व थाना प्रभारी संजीत सिंह मवई और सहायक उप निरीक्षक उत्तम सिंह कुशवाहा फरार हो गए हैं। दोनों के खिलाफ कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था। अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इनकी गिरफ्तारी को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए, उनकी लोकेशन की विश्वसनीय सूचना देने वाले को 2-2 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
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