Gwalior News: लोक निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार की चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है, जहां अफसरों और ठेकेदारों की मिलीभगत से बिना कोई काम किए ही करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया गया। इस गड़बड़ी का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है, जिन्हें आज भी जर्जर और गड्ढों से भरी सड़कों पर जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है।
निरीक्षण में खुली पोल
ग्वालियर, दतिया, भिंड और मुरैना जिलों में 210 किलोमीटर सड़कों की पेंच रिपेयरिंग, निर्माण और अन्य मरम्मत कार्यों के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने दिल्ली की ट्रांसमेटेलाइट इंडिया लिमिटेड को 7 करोड़ 62 लाख 30 हजार रुपये का ठेका दिया था।
बता दें ठेके के तहत न तो ज़मीन पर कोई ठोस कार्य हुआ और न ही सड़कों की हालत सुधरी है । इसके बावजूद कंपनी ने विभाग के अफसरों से मिलीभगत कर बिना काम किए ही भुगतान उठाना शुरू कर दिया।
अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश
अब तक ट्रांसमेटेलाइट इंडिया लिमिटेड को 6 करोड़ 31 लाख 71 हजार रुपये का भुगतान किया जा चुका है, जबकि अधिकांश स्थानों पर कार्य शुरू ही नहीं हुआ था। विभाग के चीफ इंजीनियर (सीई) एसएल सूर्यवंशी ने जब स्थलीय निरीक्षण किया, तो अफसरों और ठेकेदार की इस मिलीभगत का पर्दाफाश हुआ।
मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने ग्वालियर, दतिया, भिंड और मुरैना के कार्यपालन यंत्रियों को नोटिस जारी कर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो भी अधिकारी बिना कार्य के भुगतान के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव तैयार कर तत्काल जवाब प्रस्तुत करें।
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