MP News: ग्वालियर हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में विधवा महिला को पारिवारिक पेंशन का अधिकार दिलाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु नियमित सेवा के दौरान होती है, तो पारिवारिक पेंशन देने से इनकार नहीं किया जा सकता भले ही सेवा अवधि 10 वर्ष से कम क्यों न हो।
बता दें यह फैसला कमलीबाई नामक याचिकाकर्ता के मामले में आया, जिनके पति की मृत्यु वर्ष 1998 में मात्र 7 साल 6 महीने 8 दिन की सेवा के बाद हो गई थी। विभाग ने 10 साल की न्यूनतम सेवा अवधि पूरी न होने का हवाला देकर पेंशन देने से मना कर दिया था। हाईकोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए महिला को पारिवारिक पेंशन के साथ 6% वार्षिक ब्याज देने का भी आदेश दिया।
हाईकोर्ट की स्पष्ट व्याख्या
ग्वालियर हाईकोर्ट ने पेंशन से जुड़े नियमों की सटीक व्याख्या करते हुए कहा कि पेंशन नियम 1976 की धारा 47 के अनुसार, यदि कोई सरकारी कर्मचारी सेवा में रहते हुए मृत्यु को प्राप्त होता है, तो उसके परिवार को पारिवारिक पेंशन पाने का पूरा अधिकार है।
कोर्ट ने विभाग द्वारा लागू किए गए नियम 43(2) को इस मामले में प्रासंगिक नहीं माना और स्पष्ट किया कि यह नियम केवल सेवानिवृत्ति की स्थिति में लागू होता है, न कि सेवा के दौरान मृत्यु पर हो । कोर्ट ने यह भी कहा कि गलत नियमों का हवाला देकर विधवा को पेंशन से वंचित करना अन्यायपूर्ण है।