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क्यों प्रसिद्ध है ग्वालियर? जानिए इस ऐतिहासिक शहर की खास बातें

Why is Gwalior Famous

Why is Gwalior Famous: मध्य प्रदेश को उसकी समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक विरासत और विविधता के लिए जाना जाता है। इन सबमें ग्वालियर का नाम सबसे ऊपर आता है। चंबल के करीब बसे इस शहर ने इतिहास के पन्नों में अपनी खास पहचान बनाई है। चाहे वो वीरता की गाथाएं हों, स्थापत्य की मिसालें या फिर संगीत की मधुर धुनें…आइए जानते हैं इस शहर से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें…

संगीत की आत्मा

ग्वालियर को यूं ही ‘City of Music’ नहीं कहा जाता। यूनेस्को ने 2023 में इसे आधिकारिक रूप से “संगीत का शहर” घोषित किया।

यह वही धरती है जहां महान संगीतकार और अकबर के नवरत्नों में शामिल तानसेन का जन्म हुआ था। तानसेन की ध्रुपद शैली ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को एक नई ऊंचाई दी। आज भी उनके सम्मान में हर साल तानसेन संगीत समारोह का आयोजन होता है।

देश का पहला भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) यहीं स्थापित हुआ था, जिसे आज अटल बिहारी वाजपेयी IIIT के नाम से जाना जाता है। 1997 में स्थापित यह संस्थान तकनीक और इनोवेशन का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है।

जय विलास पैलेस के भव्य झूमरों की कहानी

ग्वालियर के जय विलास पैलेस में ऐसी भव्यता देखने को मिलती है जो देश में कहीं और मुश्किल से मिलती है। इस महल की सबसे बड़ी खासियत हैं यहाँ लगे दो विशाल झूमर, जिनका वजन करीब 7 टन है। इन झूमरों को भारत के सबसे बड़े झूमरों में गिना जाता है ।

कहा जाता है कि इन झूमरों की मजबूती जांचने के लिए उनकी छत पर हाथियों को चलाया गया था। जब कोई मेहमान इस महल में कदम रखता है, तो इन झूमरों की भव्यता और चमक देख कर दंग रह जाता है।

दुनिया का दूसरा सबसे पुराना ‘शून्य’

ग्वालियर किला गणितीय इतिहास की दृष्टि से भी बेहद खास है। इस किले की दीवारों पर स्थित चतुर्भुज मंदिर में दुनिया का दूसरा सबसे पुराना ज्ञात ‘शून्य’ (0) अंक उकेरा गया है। यह मंदिर 876 ईस्वी में प्रतिहार शासक बोज देव के शासनकाल में बनवाया गया था।

ग्वालियर का प्रतिष्ठित सिंधिया स्कूल

ग्वालियर की शिक्षा व्यवस्था भी पूरे देश में अलग पहचान रखती है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है सिंधिया स्कूल, जो भारत के सबसे महंगे और प्रतिष्ठित स्कूलों में गिना जाता है। इस स्कूल की औसत वार्षिक फीस करीब 12 लाख रुपये बताई जाती है, जो इसे एक एलिट बोर्डिंग स्कूल बनाती है।

राजा माधवराव सिंधिया द्वारा 1897 में स्थापित यह स्कूल आज भी शाही परंपराओं और आधुनिक शिक्षा का अनोखा संगम पेश करता है। यहां देशभर से विद्यार्थी आते हैं। कई नामी-गिरामी हस्तियां इस स्कूल के पूर्व छात्र रह चुके हैं।

ग्वालियर की धरती से निकला एक महान नेता

ग्वालियर देश को दिशा देने वाले महान व्यक्तित्वों की जन्मभूमि रहा है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को यहीं, ग्वालियर के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था।

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