Sehore News: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में स्थित प्रसिद्ध कुबेरेश्वर धाम एक नए विवाद में घिर गया है। अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से जुड़ा यह धार्मिक स्थल इस बार धार्मिक प्रतिबंधों को लेकर चर्चा में है। धाम मार्ग पर हाल ही में कुछ ऐसे बैनर लगाए गए हैं, जिन पर ‘गैर-हिंदुओं का प्रवेश निषेध’ लिखा हुआ है। इन बैनरों में ‘सकल हिंदू समाज’, ‘विश्व हिंदू परिषद’ और ‘बजरंग दल’ जैसे संगठनों का नाम भी दर्ज है, जिससे स्थानीय स्तर पर असंतोष और बहस का माहौल बन गया है।
स्थानीय ऑटो चालकों का आरोप
सीहोर के स्थानीय ऑटो चालक सुरेश राठौर ने कुबेरेश्वर धाम पर लगे विवादित बैनरों को लेकर अपना पक्ष रखते हुए आरोप लगाया है कि भोपाल से आने वाले कुछ गैर-हिंदू ड्राइवर मंदिर परिसर में अशांति फैलाते हैं, गंदगी करते हैं और श्रद्धालुओं से मनमाना किराया वसूलते हैं।
सुरेश के अनुसार, ये बाहरी ड्राइवर श्रद्धालुओं को गुमराह कर दोगुना भाड़ा वसूलते हैं, वहीं मंदिर परिसर में थूकने और स्थानीय चालकों से मारपीट करने की घटनाएं भी हो चुकी हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि अगर सीहोर के ऑटो चालक भोपाल में दिखाई दे जाएं, तो उन्हें वहां भी प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है। स्थानीय चालकों ने प्रशासन से इस पूरे मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।
कथावाचक मोहित पाठक की प्रतिक्रिया
कथावाचक और हिंदुत्व समर्थक पंडित मोहित पाठक ने भी कुबेरेश्वर धाम विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हिंदू मंदिरों में केवल तिलक और शिखा धारी सनातनी हिंदुओं को ही प्रवेश की अनुमति होनी चाहिए। उनका आरोप है कि विधर्मी लोग मंदिर परिसर में अनुशासनहीनता करते हैं और पवित्रता भंग करते हैं।
इस मुद्दे पर जब कुबेरेश्वर मार्ग के दुकानदारों और स्थानीय श्रद्धालुओं से बात की गई, तो अधिकतर लोगों ने चुप्पी साध ली। किसी ने भी बैनरों या विवाद पर सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की, जिससे स्थिति और अधिक संवेदनशील हो गई है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
कुबेरेश्वर धाम मार्ग पर लगे विवादित बैनरों और ऑटो चालकों के बीच बढ़ते तनाव ने सामाजिक और धार्मिक सौहार्द पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन की ओर से अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया न आने से स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में असंतोष है।