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काले धन पर IT का शिकंजा, इंदौर-भोपाल में 250 करोड़ का खुलासा

इंदौर-भोपाल में 250 करोड़ का खुलासा

IT Raid in Bhopal: भोपाल और इंदौर में आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई हुई है। आईटी की टीम ने छापेमारी के दौरान करोड़ों की बेनामी नगदी और बोगस बिलिंग के दस्तावेज बरामद किए हैं। इस कार्रवाई में राजधानी भोपाल के साइंस हाउस संचालक जितेंद्र तिवारी, लालघाटी के मेडिकल डिवाइस सप्लायर राजेश गुप्ता और इंदौर के डिसेंट मेडिकल्स संचालक का नाम प्रमुख रूप से उभरा है।

लालघाटी के सप्लायर पर बड़ी कार्रवाई

आईटी विभाग की छापेमारी में लालघाटी स्थित मेडिकल डिवाइस सप्लायर राजेश गुप्ता के ठिकानों से भारी भरकम कागजात जब्त किए गए हैं। टीम को 100 करोड़ रुपए से अधिक की बोगस बिलिंग से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। छापे के दौरान 12 लाख रुपए नकद भी बरामद किए गए हैं।

वहीं एक लॉकर को सीज किया गया है, जिसे अधिकारियों द्वारा दोबारा खोला जाएगा। माना जा रहा है कि इसमें अहम सबूत मिल सकते हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि राजेश गुप्ता के युगांडा में इन्वेस्टमेंट के ठोस सबूत मिले हैं। इसके अलावा रियल एस्टेट कारोबार में भी बड़े पैमाने पर पैसा लगाने से जुड़े दस्तावेज हाथ लगे हैं।

150 करोड़ की टैक्स चोरी का पर्दाफाश

आयकर विभाग की छापेमारी में भोपाल के साइंस हाउस और इंदौर के डिसेंट मेडिकल्स से करीब 150 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। अधिकारियों के मुताबिक, यह पूरा खेल फर्जी बिलिंग के जरिए चल रहा था।

इंदौर की एमआर-5 कॉलोनी स्थित डिसेंट मेडिकल्स से अब तक दो करोड़ रुपए कैश जब्त किया जा चुका है। वहीं, यहां से मिले लॉकरों को सीज कर दिया गया है। उन्हें जल्द ही खोला जाएगा। विभाग का मानना है कि इन लॉकरों से और भी बड़ी रकम व अहम दस्तावेज बरामद हो सकते हैं।

क्यों पड़ा आयकर विभाग का छापा?

इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी का मुख्य मकसद बोगस बिलिंग रैकेट को उजागर करना है। जांच में सामने आया कि आरोपी मेडिकल डिवाइस को अन्य राज्यों और विदेशों से बेहद कम कीमत पर मंगवाते थे। फिर फर्जी बिल बनाकर इन्हें ऊंची कीमत पर सप्लाई कर भारी मुनाफा कमा रहे थे। इस अवैध सिस्टम के जरिए टैक्स चोरी की जा रही थी, जिससे सरकार को बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा था।

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