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सरकारी एम्बुलेंस बनी ‘भैंसा गाड़ी’, नगर निगम की गौशाला से उठे सवाल..

Morena BJP Mayor Video Controversy

Morena BJP Mayor Video Controversy: मुरैना। नगर निगम की एम्बुलेंस का दुरुपयोग कर महापौर की निजी भैंस के लिए गोशाला से भूसा मंगवाने का मामला सामने आया है। यह घटना सोमवार की बताई जा रही है, जबकि इसका वीडियो मंगलवार को वायरल हुआ। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि नगर निगम की गौशाला से दो बोरे भूसा सरकारी एम्बुलेंस में भरकर लाए गए।

मौके पर मौजूद महापौर के निजी नौकर ने भी इस बात की पुष्टि की कि यह भूसा महापौर की भैंस के लिए लाया गया था। मामला सामने आने के बाद नगर निगम की कार्यप्रणाली और आपातकालीन सेवाओं के दुरुपयोग को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

निगम की एम्बुलेंस से पहुंचा भूसा

मुरैना नगर निगम द्वारा महापौर शारदा सोलंकी के लिए नया सरकारी आवास तैयार कर दिया गया है, लेकिन वे अभी भी पुराने आवास में ही रह रही हैं। इसी पुराने आवास परिसर में उन्होंने एक भैंस पाल रखी है। सोमवार को इसी भैंस के लिए नगर निगम की देवरी गोशाला से दो बोरे भूसा मंगवाया गया।

आश्चर्यजनक रूप से यह भूसा किसी ट्रैक्टर या निजी वाहन के बजाय निगम की पशु एम्बुलेंस में लादकर भेजा गया। एम्बुलेंस महापौर आवास तक पहुंची, जहां भूसे से भरे बोरे उतारे गए। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद नगर निगम की जवाबदेही को लेकर चर्चाएं हो रही है।

नौकर के वेतन को लेकर भी उठे सवाल

महापौर शारदा सोलंकी का कार्यालय भी उनके पुराने सरकारी आवास पर ही संचालित हो रहा है। इसी परिसर में पाली गई भैंस की देखभाल के लिए उन्होंने एक निजी नौकर भी नियुक्त कर रखा है।

अब जब सरकारी एम्बुलेंस से भूसा ढोने का वीडियो सार्वजनिक हो चुका है, तो इस नौकर के वेतन को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या यह वेतन सरकारी खजाने से दिया जा रहा है या निजी खर्चे से? फिलहाल नगर निगम प्रशासन की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

गोसेवकों में आक्रोश

देवरी गोशाला ( नगर निगम संचालित करता है) शहर के समाजसेवियों की सहायता से चल रही है। इसी आर्थिक सहयोग से वहां चारे, भूसे और पशुओं की देखरेख की व्यवस्थाएं की जाती हैं। बीमार और घायल गायों के इलाज के लिए नगर निगम को एक सरकारी एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गई है।

गोसेवक रुद्र प्रताप ने आरोप लगाया कि जब वे बीमार पशुओं के लिए एम्बुलेंस बुलाते हैं, तो वह या तो घंटों देरी से आती है या बिल्कुल नहीं आती। उन्हें अक्सर निजी वाहन का इंतजाम करना पड़ता है।

उन्होंने नाराज़गी जताते हुए कहा कि यही एम्बुलेंस महापौर के निजी पशुओं की सेवा में तुरंत भेजी जा रही है, जो बेहद निंदनीय और गैरकानूनी है। रुद्र प्रताप ने इस मामले की औपचारिक शिकायत दर्ज कराने की बात भी कही है।

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